हिमवन्त कवि चन्द्र कुँवर बर्त्वाल की प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण।
हिमवन्त कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी,में मनाया गया हिन्दी दिवस।
पोखरीःहिमवन्त कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी, चमोली में हिन्दी दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य, डॉ. नन्दकिशोर चमोला एवं सभी प्राध्यापक एवं प्राध्यापिकाओं द्वारा हिमवन्त कवि चन्द्र कुँवर बर्त्वाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण।किया गया। हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी विभाग द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रभारी प्राचार्य एवं विभागध्यक्ष हिन्दी डॉ. नन्दकिशोर चमोला द्वारा हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए हिमवन्त कवि चन्द्रकुँवर बर्त्वाल की पुण्य तिथि पर उनके द्वारा रचित कविताऐं पढ़ी तथा उसके महत्व को समझाया।
पुरातन नगरी नागनाथ कविता पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम में छात्रा अंशिका द्वारा हिन्दी को अनिवार्य बनाना होगा, हिन्दी का परचम लहरायेगा। पर अपने विचार रखे। शालिनी ने हिन्दी हमें जोड़ती है, हिन्दी जाति क्षेत्र वेश-भूषा को खत्म कर एकता में बांधती है, साथ ही हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं, पर अपने विचार रखे। हिन्दी प्राध्यापक डॉ. शशि चौहान ने हिन्दी भाषा श्रेणी क,ख,ग के बारे मे बताया जिसमें उत्तर भारत क श्रेणी में हिन्दी राज्य नाम से जाना जाता है, सितारों के आगे, और भी हैं, हिन्दी के आगे और भी हैं को समझाते हुए अपना व्याख्यान दिया। काजल द्वारा जिस व्यक्ति को अंग्रेजी नहीं आती उसे गंवार समझ रहे हैं। पर अपने विचार रखे। लक्ष्मी ने कविता जन-जन की भाषा है हिन्दी, छात्र मानवेन्द्र ने जीवन की परिभाषा है हिन्दी पर अपने विचार रखे। मानसी ने आज का दिन है हिन्दी पर अपना व्याख्यान देते हुए हिन्दी की तुलना मां से करते हुए अपने विचार रखे। विभूति ने हिन्दी के महत्व पर बोलते हुए कबीर, सूर, तुलसी एवं हिवन्त चन्द्रकुँवर बर्त्वाल के साहित्य के महत्व पर व्याख्यान दिया।
महाविद्यालय कार्मिक मानवेन्द्र ने रहने दो सब चलता है, स्वचरित कविता पढ़ी। जन्तु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. कंचन सहगल ने जो बात बीत गयी हरिवंश राय वचन द्वारा रचित कविता पढ़ी तथा हिन्दी दिवस मनाने के कारण पर अपना व्याख्यान दिया। विभागाध्यक्ष अंग्रेजी डॉ. वर्षा सिंह ने जयशंकर प्रसाद जी की कविता कामायिनी के नारी तुम श्रद्धा हा,े क्या कहते हो ठहरो नारी कविता गायी। विभागाध्यक्ष संस्कृत डॉ0 प्रवीण मैठाणी ने हिन्दी का लिहाज कीजिएगा पर अपना व्याख्यान शुरू करते हुए हिन्दी जोड़ने का कार्य करती है, क्यों लिखते हो यूं ही कविता पढ़ी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नन्दकिशोर चमोला द्वारा किया गया। इस मौके पर डॉ. ए.के. श्रीवास्तव, डॉ0 अंजली रावत, डॉ0 रेनू सनवाल, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. शाजिया सिद्दकी, डॉ0 जगजीत सिंह, डॉ. अंशू सिंह, डॉ. सुनीता मेहता, डॉ0 राजेश भट्ट, डॉ. आरती रावत, डॉ0 आयुष बर्त्वाल, विमल सिंह बिष्ट, विजय कुमार, विजयपाल, नवनीत एवं छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।