*उत्तराखंड राज्यपाल ने गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब में टेका मत्था।*
*प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए की प्रार्थना।*
*हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने से एक दिन पूर्व राज्यपाल पहुंचे हेमकुंड साहिब।*
*तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए हेमकुंड में हुए अवस्थापना विकास कार्यों को सराहा।*
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) बुधवार को चमोली में स्थित पवित्र तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब पहूंचे। उन्होंने गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेका और प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
मा0 राज्यपाल बुधवार को सुबह 9ः35 बजे हेली से घांघरिया पहुंचे। घांघरिया से 11ः45 बजे श्री हेमकुंड साहिब पहुंचे और हेमकुंड में 12ः15 बजे की अरदास में शामिल हुए। हेमकुंड साहिब पहुंचने पर हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने राज्यपाल का स्वागत किया। इस दौरान राज्यपाल ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों से बातचीत की और हेमकुंड पहुंचे सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। मा0 राज्यपाल ने कहा कि सच्चे बादशाह गुरु नानक देव जी ने हमको सरलता, नम्रता, करुणा, सेवा आदि का जो सबक सिखाया है वह बहुत ही अच्छा मार्गदर्शन है। मुझे आज बहुत खुशी हो रही है कि आज गुरु के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, यहां आकर मुझे सभी श्रद्धालुओं का जो स्नेह व आर्शीवाद मिला है उससे मै अभिभूत हुं।
हेमकुंड में हुए अवस्थापना विकास कार्यों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हेमकुंड आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु पैदल मार्ग और हेलीपैड बहुत अच्छा बना है। उन्होंने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में रोपवे निर्माण का शिलान्यास करने के लिए मा0 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। कहा कि रोपवे बनने से आने वाले दिनों में हेमकुंड की यात्रा बेहद सुखद होगी। इसके बाद मा0 राज्यपाल वापस घांघरिया पहुंचे और घांघरिया गुरुद्वारा में भी मत्था टेका। इसके बाद घांघरिया से हेलीकाप्टर द्वारा देहरादून के लिए रवाना हुए।
इस दौरान हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार, उप जिलाधिकारी चन्द्रशेखर वशिष्ठ सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
श्री हेमकुंड साहिब के कपाट इस वर्ष 25 मई को खोले गए थे। इस वर्ष 1.84 लाख श्रद्धालुओं ने इस पवित्र स्थल की यात्रा की। इस वर्ष श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा का समापन 10 अक्टूबर को होने जा रहा है। शीतकाल के लिए हेमकुंड साहिब के कपाट बंद किए जाएंगे। हजारों श्रद्धालु समापन समारोह में भाग लेने के लिए हेमकुंड पहुंचे है। पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब सिख धर्म में बहुत महत्व रखता है। माना जाता है कि हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें गुरू गुरू गोविंद सिंह ने पूर्व जन्म में कई सालों तक तपस्या कर आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति की थी। उनकी तपोस्थली पर ही गुरुद्वारा बना है। गुरुद्वारे के साथ ही पवित्र हेम सरोवर है। गुरुद्वारे में मत्था टेकने से पहले श्रद्धालु इस पवित्र सरोवर में स्नान करते है।