जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चमोली में पांच दिवसीय (18-22 जुलाई 2025 ) बाल लेखन कार्यशाला का आयोजन
डीएलएड प्रथम सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं के लिए किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ डायट प्राचार्य आकाश सारस्वत ने किया। प्राचार्य ने कहा कि लेखन कार्यशाला एक ऐसा मंच है जहाँ प्रशिक्षुओं को लेखन कौशल को निखारने व नये तरीकों से सीखने का अवसर मिलता है। लेखन के लिए स्वाध्याय बेहद अहम है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य रचनात्मक लेखन, भाषा की अभिव्यक्ति , मौलिकता, स्पष्टता और प्रवाह लाना है।
कार्यक्रम के मुख्य संदर्भ दाता बाल प्रहरी त्रैमासिक पत्रिका के संपादक श्री उदय किरौला ने सभी प्रशिक्षुओं को पांच दिनों में कहानी, कविता, निबंध, यात्रा वृतांत, डायरी, नुक्कड नाटक तथा समूह गान आदि साहित्य की विभिन्न विधाओं की जानकारी दी।
प्रशिक्षुओं ने पांच दिनों में कार्यशाला रिपोर्ट, लेखक की ओर से, मेरा परिचय, डायट चमोली, समूह गान , कविता लेखन, पहेलियाँ, मेरा गांव, आकृति पहचानो, यात्रा वृतांत, गांव में भूत पूजा व पत्र आदि का लेखन कर एक पत्रिका का निर्माण शीर्षक सहित किया। कुल 35 पत्रिकाओं का सृजन किया गया। ओरिगेमी का प्रयोग कर विभिन्न प्रकार की टोपियां भी बनानी सीखी। कविता वाचन समूह के प्रत्येक सदस्य ने अपनी स्वरचित कविता का वाचन किया, तथा नुक्कडनाटक समूह ने मोबाइल के दुष्प्रभाव पर सुंदर नाट्य प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम समन्वयक डा कमलेश कुमार मिश्र ने कहा कि इस कार्यशाला में प्रशिक्षुओं ने सही वाक्य गठन, शब्द चयन और व्याकरणिक शुद्धता सीखी। कार्यक्रम सहसमन्वयक सुमन भट्ट ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि लेखन कार्यशालाएं आत्म अभिव्यक्ति का माध्यम, शब्दावली वृद्धि, नैतिक व सामाजिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ प्रशिक्षुओं को संवेदनशील, सजग व सृजनशील व्यक्तित्व बनाने में सहायक होती है। समापन अवसर पर मंच का संचालन प्रशिक्षु अनमोल कुमार, कवि सम्मेलन का संचालन आशीष नेगी व अंजलि बिष्ट, अध्यक्षता मनीष सिंह बिष्ट व नुकृकड नाटक का संचालन संजना कनवासी ने किया। इस अवसर पर संकाय सदस्य राजेन्द्र प्रसाद मैखुरी, वीरेंद्र कठैत, रवींद्र बर्त्वाल, सुबोध डिमरी, गोपाल प्रसाद कपरुवाण, नीतू सूद उपस्थित रहे।