संगम तट कर्णप्रयाग में किया चण्डिका माता व देवराड़ी देवी ने दिव्य स्नान
बहिन उमा देवी से हुई देवी देवराड़ी व माता चण्डिका की भेंट
कर्णप्रयाग,मुख्य संवाददाताःउत्तराखण्ड देवभूमि के नाम से विश्वविख्यात है। यहां देवी व देवताओं की समय समय पर दिवारा यात्रा का प्रचलन सदियों पुराना है। इसी क्रम में चमोली जनपद के कर्णप्रयाग व्लॉक स्थित पौराणिक उमा देवी मंदिर में बैशाखी पर्व पर सगर गांव की आराध्या देवी मॉ चण्डिका व रानीगढ़ गौचर क्षेत्र की आराध्या देवी मॉ देवराड़ी का अद्भूत मिलन देखने को मिला। इस दौरान दोनो देवीयों ने अपनी बहिन मॉ उमा देवी से भेंट की। इससे पूर्व मॉ चण्डिका व देवराड़ी ने कर्णप्रयाग स्थित संगम तट पर स्नान किया। जहां हजारों भक्तों ने इस दिव्य दृष्य के दर्शन कर आर्शीवाद प्राप्त किया।
वही इस अवसर पर मॉ चण्डिका दिवारा यात्रा के ब्रहमगुरू हरिबल्लभ सती ने कहा कि भगवती मॉ चण्डिका का बैसाखी पर्व पर संगम में स्नान किया गया । अभी तक की दिवारा यात्रा में भक्तों का अपार श्रद्धा व भक्ति हमें देखने को मिल रही है। वही देवी देवराड़ी दिवारा यात्रा के पुजारी सुभाष पाण्डे का कहना है कि हम जहां भी जा रहे है वही मॉ भगवती देवराड़ी का बहुत सम्मान हमें देखने को मिल रहा है।
मॉ भगवती चण्डिका देवी व देवी देवराड़ी के आगमन पर ध्यिाणियां काफी खुश नजर आई धियाणियों का कहना है कि हमारे ये सौभाग्य है कि हमें 32 साल बाद मॉ भगवती के दर्शन हुए। हमें देवी के दर्शनों की कई समय से प्रतिक्षा थी जो आज जाकर पूरी हुई है।
मॉ चण्डिका देवी के दिव्य स्नान के बाद संगम तट पर विधि विधान से हवन,पूजा व आरती की गई इसके पश्यचात मां भगवती उमा देवी मंदिर में फिर से दोनों देवियों की भेंट हुई। वही मॉ चण्डिका देवी दिवारा यात्रा समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह बिष्ट का कहना है कि 6 माह की दिवारा यात्रा के दौरान पंच बद्री, पंच केदार के दर्शन कर आज संगम यात्रा के बाद अब दिवारा यात्रा का समापन्न 8 मई को किया जायेगा। उन्होंने 30 मई से 8 मई तक आयोजित सभी कार्यक्रमों पधारने की माता के भक्तों से अपील की है।
इस दौरान,दिवारा यात्रा समिति के सभी पदाधिकारी,ब्रहमगुरू हरिबल्लभ सती,अध्यक्ष जगमोहन सिंह बिष्ट,बह्रमगुरू के सहायक सचिन सती,माता के भक्त राजदर्शन सिंह नेगी,हरीश पुजारी समेंत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।